आनंद आश्रम लखनऊ की आशुतोषांबरी उर्फ पुष्पा की समाधि में चौंकाने वाला खुलासा? नितेश सिंह।

 

                   आशुतोसंबरी उर्फ पुष्पा 

             तिहाड़ जेल अंतरक्रांति प्रोजेक्ट ,

पर कार्य करती हुई फोटो नीचे ऊपर फाइल फोटो

गोरखपुर , श्री नीतेश सिंह, विशेष संवाद दाता की पड़ताल के अनुसार, कुछ समय से देश मे एक खबर फैली हुई है आनंद आश्रम लखनऊ में एक साध्वी ने सामाधि ली है। शरीर सुरक्षित रखने को लेकर मामला लखनऊ हाई कोर्ट तक पहुच गया है और प्रयागराज खंडपीठ ने बुरी तरह फटकार लगाया है। खबर फैलाया जा रहा है सामाधि लेने वाली महिला आशुतोषांबरी उर्फ पुष्पा  मूल रूप से बिहार दरभंगा जिले की रहने वाली है। उनका नाता राज परिवार से है लेकिन विश्वस्त सूत्रों की जानकारी के अनुसार वह एक निहायत गरीब परिवार से हैं। उनके पिता जी एक छोटी सी  नौकरी से रिटायर्ड हो चुके है। उनका A-96 प्रेम नगर ,3rd मुबारकपुर रोड,किरारी दिल्ली- 86 में मात्र  50 गज का कच्ची कालोनी में एक मकान है जिसका लेवल नीचा होने के नाते उसे पुनर्निर्माण करा रहे हैं। इनकी एक बहन है जो घरों में खाना बनाने का कार्य करती है। खबर ये भी मीडिया को दिया गया  की आशुतोषांबरी उर्फ पुष्पा  बहुत मेधावी प्रतिभा की थी, जब इनका जन्म हुआ तो उस समय ऐसा प्रकाश हुआ की लोगो को लगा की मानो लाइट आ गई है इसके उलट पड़ताल करने पे पता चला कि यह बहुत पढ़ने में कमज़ोर रही बार बार परीक्षा में फेल हो जाती थी। आनंद आश्रम लखनऊ से खबर फैलाई गई वह देवी माँ है लेकिन सूत्रों से पता चला है  आशुतोषांबरी उर्फ पुष्पा  की शादी भी हुई है उनके पति का नाम कुमुद मिश्रा है। शादी के बाद भी इनकी कोई संतान नहीं हुई और भूत प्रेत बाधा के कारण  कुमुद मिश्रा परेशान रहते थे।  अभिनय करके भोले भाले लोगों को अपने ओर आकर्षित करना इनका स्वभाव रहा है। इन्ही  कारणों से परेशान होकर  इनके पति  तिहाड़ जेल स्थित अन्तरक्रान्ति संस्थान में लेकर  आए, किंतु ये वहा भी सरल स्वभाव के कार्यकर्ताओं को भड़काना व अनुशासन  में न रहने से परेशान होकर इनके पति कुमुद मिश्रा  ने इन्हे तलाक  दे दिया। सूत्रों की माने तो आशुतोषंबरी उर्फ पुष्पा ने  कुछ लोगो के साथ मिलकर एक मठ बना लिया । बीते कुछ दिनों में यह पता चला कि आशुतोषांबरी उर्फ पुष्पा  समाधि में गई है और प्रपंच फैलाया जा रहा है की वह पंजाब स्थित  श्री आशुतोष महाराज जी को जगाने के लिए गई है। बहरहाल प्रकरण  जो भी हो ये जांच का विषय जांच के बाद ही असली बात पता लग पाएगा। फिलहाल काल और परिस्थितियां समाधि के झोल की तरफ इशारा कर रही है।


         श्री नीतेश सिंह,विशेष संवाद दाता ।

                         राप्ती प्रवाह

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