दिव्य ज्योति जाग्रति तारामंडल गोरखपुर की गुरू पूजा संपन्न।

   


                   दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान तारामंडल गोरखपुर के तत्वधान में गुरु पूर्णिमा महोत्सव का आयोजन, परंपरागत रूप से माधवलान देवरिया बाईपास रोड गोरखपुर में धूमधाम से मनाया गया। जिसमें दिल्ली से पधारी साध्वी सुश्री योग्य विद्या भारती जी,एवं सुश्री बंदना भारती जी ने श्रद्धालुओं के समक्ष अपने विचार रखते हुए कहा कि पूर्व, आषाढ़ शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को महर्षि वेद व्यास जी का अवतरण हुआ था। वही वेद व्यास जी, जिन्होंने वैदिक ऋचाओं का संकलन कर चार वेदों के रूप में वर्गीकरण किया था। 18 पुराणों, 18 उप-पुराणों, उपनिषदों, ब्रह्मसूत्र, महाभारत आदि अतुलनीय ग्रंथों को लेखनीबद्ध करने का श्रेय भी इन्हें ही जाता है।

ऐसे महान गुरुदेव के ज्ञान-सूर्य की रश्मियों में जिन शिष्यों ने स्नान किया, वे अपने गुरुदेव का पूजन किए बिना न रह सके। इसलिए शिष्यों ने उनके अवतरण के मंगलमय एवं पुण्यमयी दिवस को पूजन का दिन चुना। यही कारण है कि गुरु पूर्णिमा को व्यास पूर्णिमा भी कहा जाता है। तब से लेकर आज तक हर शिष्य अपने गुरुदेव का पूजन-वंदन इसी शुभ दिवस पर करता है। उन्होंने कहा कि हमारे गुरुदेव सर्व श्री आशुतोष महाराज जी अपनी करुणामई दृष्टि से अपने शिष्यों के जीवन में उजाला बन कर आए और उन्हें ब्रह्म ज्ञान प्रदान कर उनका जीवन खुशहाल बना दिया। इसके साथ ही साथ अन्य अनन्य प्रकल्प चला कर लोगों में उत्साह का संचार कर रहे हैं। ऐसे गुरू देव का पूजन वंदन करना सौभाग्य की बात है इसी लिए गुरू पूजा के दौरान भारी संख्या में श्रद्धालु जन, स्वामी जन एवं तमाम सेवादार भाई बहन ने उत्साह से भाग ले कर गुरू पूजा मनाया और पुण्य के भागीदार बने हैं।


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