सर्व श्री आशुतोष महाराज जी का चिंतन(अनमोल वचन) प्रस्तुतिकरण श्री आर सी सिंह जी।
श्री आर सी सिंह जीरोशनी का पर्व 'दीवाली' पूरे विश्व में अलग-अलग रूपों में मनाया जाता है। अतः आप सभी को ग्लोबल दीवाली की हार्दिक शुभकामनाएं! अब यह पर्व सिर्फ भारत में ही नहीं मनाया जाता। नेपाल, ब्रिटेन, इंडोनेशिया, न्यूजीलैंड, गयाना, मलेशिया, मारिशस, दक्षिण अफ्रीका, फिजी, म्यांमार, सिंगापुर, श्रीलंका, थाईलैंड आदि कई देश इस पर्व को उत्साह और उल्लास के साथ मनाते हैं। अलग-अलग तरीकों से इस दिन अपनी खुशी प्रकट करते हैं।
इस पर्व से जु़ड़े विभिन्न पहलुओं पर रिसर्च करने के लिए प्रत्येक वर्ष IRC (इंटरनेशनल रामायण कान्फ्रेंस) आयोजित की जाती है। इसमें अनेक देशों के विद्वान भाग लेते हैं। इस कान्फ्रेंस के सम्मान में, 1971 में, इंडोनेशिया ने भगवान श्रीराम-जानकी एवं श्रीराम को धनुष व स्वर्ण हिरन के सहित दर्शाते हुए दो डाक टिकटों का सेट जारी किया था।
1999 में कैथोलिक पोप जब दीवाली के दिन भारत आए, तो इस पर्व की महिमा और गरिमा को देखकर इतना मंत्रमुग्ध हो गए कि उन्होंने अपने एक गिरिजाघर में विशाल समारोह आयोजित करवाया। पोप ने अपने माथे पर तिलक लगाकर इस पर्व की विशेषता बताते हुए सबको सम्बोधित किया।इन सब तथ्यों के कारण ही आज यह पर्व सिर्फ दीवाली न रहकर 'ग्लोबल दीवाली' बन गया है।
इस बार इन सब शुभकामनाओं के साथ साथ अपनी दीवाली एक नये अंदाज में भी मनाएं। बाहरी स्तर पर तो इस दिवस को शुभ व सुन्दर बनाएं ही; आंतरिक स्तर पर भी इसकी शुभता और सुन्दरता का अनुभव करें।
०इस बार जब अपने घरों की सफाई करें तो साथ ही साथ अपने मन के हर एक कोने से भी बुरी भावनाओं की धूल मिट्टी को अच्छे से झाड़ू दें।
०इको-फ्रैन्डली (जो पर्यावरण को दूषित नहीं करते) पटाखे जलाते समय, उनके साथ अपने सारे नकारात्मक विचार, ईर्ष्या, द्वेष,मन मुटाव को भी जला दें।
०जैसे इस शुभ दिन पर आप नए बही खातों की शुरुआत करते हैं, वैसे ही अपने जीवन के खाते की भी नई शुरुआत करें- जिसमें भरी जाने वाली सारी एंट्रीज (यानि कर्म) लाभकारी होने के साथ-साथ मंगलकारी भी हों।
०एक दूसरे के घर जब मिठाई लेकर जाएं,तो उसमें उनकेे लिए मंगल कामनाओं की मिठास घोलना न भूलें।
०घर के आंगन में जब घी तेल के दीए जलाएं,तो अन्तर्मन के आंगन में ज्ञान का दीप भी अवश्य प्रज्वलित करें!
ऐसा करने पर नि:संदेह आपकी दीपावली अति शुभ होगी, सुरक्षित होगी और आध्यात्मिक भी!!
*ओम् श्री आशुतोषाय नमः*
'श्री रमेश जी'
