गोरखपुर के बीआरडी अस्पताल में ऑक्सीजन सप्लाई रुकने से पिछले हफ्ते हुई 36 बच्चों की मौत हो गई थी। पूरे देश में इसे लेकर काफी रोष था। हर कोई दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहा था। इसी बीच गोरखपुर के डीएम राजीव रौतेला की जांच रिपोर्ट सामने आई है। जांच रिपोर्ट में चार लोगों को इस हादसे का जिम्मेदार ठहराया गया है। डीएम की रिपोर्ट में कई और बड़े खुलासे हुए हैं।
- जांच रिपोर्ट में बीआरडी कॉलेज के प्रिंसिपल आरके मिश्रा को मुख्य आरोपी ठहराया गया है। कहा गया है कि अस्पताल में ऑक्सीजन की सप्लाई बाधित होने के पीछे सबसे ज्यादा लापरवाही आरके मिश्रा की ओर से हुई है। इसके साथ ही डीएम की रिपोर्ट में भ्रष्टाचार की आशंका जताई गई है और बड़ी जांच का प्रस्ताव रखा है।
- जांच रिपोर्ट में डॉक्टर सतीश कुमार को जिम्मेदार ठहराया गया है। अस्पताल में ऑक्सीजन सप्लाई की देखभाल की जिम्मेदारी डॉक्टर सतीश पर थी।
- प्रिंसिपल के अलावा जिन्हें अपने पद से हटाया गया उनमें बाल रोग विभाग के प्रमुख डॉ कफील खान थे, लेकिन उन्हें सीधे तौर पर जिम्मेदार नहीं माना गया है।
- ऑक्सीजन सप्लाई कंपनी पुष्पा सेल्स ने लिक्विड ऑक्सीजन की आपूर्ति बाधित की, जिसके लिए वो जिम्मेदार है। रिपोर्ट में कहा गया है कि उसे ऑक्सीजन सप्लाई नहीं बंद करनी चाहिए थी।
बता दें जिस डॉक्टर कफील खान को पहले हीरो और बात में विलेन बताया जा रहा था उन्हें डीएम की जांच रिपोर्ट में लगभग क्लीन चिट दे दी गई है। जबकि सरकार ने कार्रवाई करते हुए डॉक्टर कफील खान पर कोई गंभीर आरोप नहीं लगाए हैं। डीएम की जांच रिपोर्ट में इस मामले की उच्च स्तरीय जांच की सिफारिश की गई है।
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