मुख्य अतिथि डॉ ए पी गुप्ता जी (बीच में) के साथ उपस्थित साहित्यकार जन।
भागीरथी सांस्कृतिक मंच, गोरखपुर द्वारा कवि सम्मेलन का आयोजन एम.जी. एकेडमी,जवाहर चक, नौसढ़, गोरखपुर के वार्षिकोत्सव कार्यक्रम में किया गया।
वार्षिकोत्सव के इस भव्य आयोजन में जहां बच्चों ने अपने प्रतिभाएं बिखेरी। वहीं कवियों ने भी एक से एक बेहतरीन रचनाएं पढ़ कर श्रोताओं को मंत्र मुग्ध किया।
कवि सम्मेलन के मुख्य अतिथि डा.ए.पी. गुप्ता, (पूर्व आइ.एम.ए.अध्यक्ष) रहें अध्यक्षता गोरखपुर के मशहूर शायर अरुण ब्रह्मचारी जी ने की व संचालन युवा कवयित्री सरिता सिंह ने किया।
कवि सम्मेलन का विधिवत प्रारंभ वरिष्ठ कवि प्रेमनाथ मिश्र की वाणी वंदना से हुआ।
युवा कवि कुन्दन वर्मा पूरब ने बेटियों को घर की शान बताते हुए कहा -
मां - बाप की आन - बान, शान होती है बेटियां ,
घरों में सदा मां लक्ष्मी की पहचान होती है बेटियां।
वरिष्ठ कवि राम सुधार सिंह सैथवार ने लोगों लोगों से देश पर मर मिटने की बात करते हुए कहा -
कुछ वतन के लिए तो कर जाइए,
नाम का अपने एक ईट तो रख जाइए।
वरिष्ठ कवि प्रेमनाथ मिश्रा ने जीवन को परिभाषित करते हुए कहा -
जीवन में उल्लास चाहिए, हास और परिहास चाहिए।
छूना है आकाश अगर तो , मन में दृढ़ विश्वास चाहिए।।
अध्यक्षता कर रहे वरिष्ठ शायर अरुण ब्रह्मचारी जी ने राजनीति की तरफ ध्यान आकर्षित करते हुए लोगों से कहा -
पांसे वफा का दोस्त मेरे कुछ ख्याल कर,
पत्थर न फेक मेरी तरफ यूं उछाल कर।
मुख्य अतिथि डा.ए.पी.गुप्ता ने अपने संबोधन में विद्यालय परिवार एवं कवियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा - विद्यालयों में पढ़ रही जो नई पीढ़ी है, यह हमारे देश का भविष्य है और विद्यालय परिवार का सबसे बड़ा दायित्व है, कि इन्हें अच्छी शिक्षा से समृद्ध करें , जिससे देश समृद्ध हो।
अन्य जिन कवियों ने कवि सम्मेलन में प्रतिभाग किया उनके नाम है - डा.प्रतिभा गुप्ता, डा. सरिता सिंह सर्वश्री बद्री विश्वकर्मा सांवरिया, राम समझ सांवरा व डा. सत्यनारायण पथिक आदि।
इस अवसर पर प्रबंधक ब्रह्मानंद वर्मा जी ने अतिथियों एवं कवियों को अंग वस्त्र एवं स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। इस अवसर पर विद्यालय परिवार की ओर से प्रधानाचार्या- पुष्पांजलि सिंह ,उप- प्रधानाचार्य - प्रतिमा वर्मा, प्रदीप पांडे पुरुषोत्तम कुमार वर्मा, प्रीतम कुमार वर्मा, प्रभाकर सिंह व विद्यालय के अनेक अध्यापक गण एवं विद्यालय के बच्चे एवं उनके अभिभावक गण उपस्थित रहे।
अंत में सभी के प्रति आभार व्यक्त किया विद्यालय प्रबंधक- ब्रह्मानंद वर्मा जी ने।

प्रतीक चिन्ह सम्मान का प्रतीक होता है किंतु उसे तिरक्षा कर के फोटो खिंचवाना थोड़ा अच्छा नहीं लगा।
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