जो करना है कहना मत तुम, ज़ुल्म मगर सहना मत तुम।

                  भागीरथी सांस्कृतिक मंच,
                  उपस्थित साहित्यकार जन

भागीरथी सांस्कृतिक मंच, गोरखपुर एवं एम. जी.पी.जी.कालेज , गोरखपुर के संयुक्त तत्वावधान में, अखिल भारतीय सर्वजन पार्टी के सौजन्य से होली मिलन समारोह के अंतर्गत "काव्योंत्सव" का आयोजन विद्यालय के सभागार में किया गया। 

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि - श्री अरविन्द शर्मा, पूर्व सहायक आयुक्त रजिस्ट्रेशन एवं निबंधन, बलिया विशिष्ट अतिथि - श्याम नारायण चौबे, राष्ट्रीय अध्यक्ष, अखिल भारतीय सर्वजन पार्टी एवं प्रो.अनिल कुमार सिंह प्राचार्य,एम.जी.पी.जी.कालेज, गोरखपुर रहें।पूरे कार्यक्रम की अध्यक्षता - वरिष्ठ कवि अरुण "सदाबहार" संस्थापक अध्यक्ष, भागीरथी सांस्कृतिक मंच,गोरखपुर ने की। पूरे कार्यक्रम का संचालन मृत्युंजय नवल एवं डा.सरिता सिंह ने संयुक्त रूप से किया।

कार्यक्रम का विधिवत शुभारंभ मां सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलन अतिथियों के द्वारा किया गया।

तत्पश्चात गृह विज्ञान की छात्राओं द्वारा सरस्वती वंदना एवं स्वागत गीत प्रस्तुत किया गया।

काव्योंत्सव की अध्यक्षता वरिष्ठ गीतकार वीरेन्द्र मिश्र "विरही" ने की।

वरिष्ठ कवि आचार्य मुकेश श्रीवास्तव ने फागुन की बात प्रिय के माध्यम से की -

सपने मेरे हो गये सारे सतरंगी,

फागुन का त्यौहार तुम्हारी आंखों में।

चाय की प्याली रखकर बैठकों सामने तो,

पढ़ लूं मैं अखबार तुम्हारी आंखों में।।

वरिष्ठ गीतकार सतीश "अकेला" ने होली पर समरसता की बात इन शब्दों में की -

आओं मिल जाये गले इस होली में,

छोड़ दे शिकवे शिकायत इस होली में।

मंचों की सुप्रसिद्ध कवयित्री डा.सत्यमवदा शर्मा ने दिल मिलाने की बात की -

बेरुखी में खुशनुमा लम्हें न जाया कीजिए,

भूलकर नफ़रत की बातें दिल मिलाया कीजिए।

भोजपुरी के प्रसिद्ध गीतकार सुभाष चन्द्र यादव ने जिंदगी की बात इस तरह की -

निगाहों में जब तक उजाले रहेंगे।

तुम्हें जिंदगी हम सम्भाले रहेंगे।।

काव्योंत्सव कीअध्यक्षता कर रहे वरिष्ठ गीतकार वीरेन्द्र मिश्र "बिरही"ने प्रीत को इस तरह परिभाषित किया -

सराबोर कर देंगे जग को, हम धरती पर प्रीत लिखेंगे।

कहीं न कोई जगह बचेंगी,हम पत्थर पर गीत लिखेंगे।।

अन्य जिन कवियों ने काव्य पाठ किया उनके नाम है - श्रीमती वंदना सूर्यवंशी,डा.सरिता सिंह एवं सर्वश्री अरविन्द अकेला, मृत्युंजय कुमार "नवल" , बृजेश राय,डा.सत्य नारायण 'पथिक' आदि।

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे वरिष्ठ कवि अरुण सदाबहार ने कहा - 

जो करना है कहना मत तुम,

ज़ुल्म मगर सहना मत तुम।

मुख्य अतिथि - अरविंद शर्मा ने कहा इन कवियों को सुनने के बाद जीवन दर्शन का सही अर्थ प्रकट हुआ।

अखिल भारतीय सर्वजन पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्याम नारायण चौबे ने कहा - होली मिलन समारोह समाज का सनातन संस्कृति का एक अंग है।

प्राचार्य,एम.जी.पी.जी कालेज गोरखपुर के प्रो. अनिल कुमार सिंह ने कहा - होली के उपरांत किये जाने वाले समारोह हमारी प्राचीन परंपरा का निर्वहन है,जो सामाजिकता का संदेश देते हैं।

इस अवसर पर इलेक्ट्रॉनिक्स विभाग के प्रमुख श्री सुभाष चन्द्र विश्वकर्मा, गृहविज्ञान विभाग की डा.नीलम वैश्य,कार्यालय प्रमुख विनोद कुमार एवं विद्यालय परिवार के तमाम गणमान्य लोग उपस्थित रहे,तथा निरंकार शुक्ल साकार,राम समुझ सांवरा,बिंदु चौहान, सर्वांग हास्पिटल के प्रमुख डा.ए.पी गुप्ता एवं आई.एम.ए. अध्यक्ष डा.प्रतिभा गुप्ता जी उपस्थित रहीं।

अंत में सभी के प्रति आभार व्यक्त किया मंच के प्रबंधक डा.सत्य नारायण 'पथिक' ने।

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