दे नहीं सकते किसी को जिंदगी, क्यों किसी की जान ले लेते हो तुम।

 

                    आमंत्रित कवि बंधु

नगर ग्रामोत्थान प्रतिष्ठान, गोरखपुर के तत्वाधान मे अपने प्रधान कार्यालय पर आयोजित 'काव्य संगोष्ठी 'में सर्वश्री दानिका प्रसाद इंजिनियर मुख्य अतिथि,चन्द्र गुप्त प्रसाद वर्मा अध्यक्ष तथा ओम कुमार जायसवाल संचालक रहे।संगोष्ठी का श्रीगणेश कार्यक्रम के संयोजक डॉ०हनुमान प्रसाद चौबे की सरस्वती वंदना से हुआ--

मां मराल पर सवार

वाग्दान आज कर।

श्री जायसवाल ने पाश्चात्य संस्कृति के स्थान पर भारतीय संस्कृति को अपनाने पर बल देते हुए कहा --

एक पिता की उम्र मिट जाती है, बेटी की लाज बचाने में।

एक बेटी सरे बाजार कपडे उतार रही है अपना कदम बढाने में।

वरिष्ठ कवि दिनेश गोरखपुरी ने आस्तीन के सांपों से सतर्क रहने पर बल देते हुएकहा--

घर में बैठ गद्दार जो करे पाक जयकार। दिनेश सच यह जानिए, पहले उसको मार।।

भोजपुरी के ख्यात वरिष्ठ कवि राम समुझ'सांवरा' ने अपनी कविता के माध्यम से आतंकवाद पर प्रहार करते हुए कहा कि -

दे नहीं सकते किसी को जिंदगी,

क्यों किसी की जान ले लेते हो तुम।

इसके बाद मुख्य अतिथि चंद्रगुप्त प्रसाद वर्मा अकिंचन ने अपनी बात को रखते हुए अपनी रचना पढ़ी -

 खरा सोना ही कसौटी पर कसल, 

जाकर तब खारघर उतरेला। 

इसके बाद गोष्ठी की अध्यक्षता कर रहे पंडित दानिका प्रसाद  विश्वकर्मा ने सब की रचना पर अपनी समीक्षा व्यक्त कीऔर अपनी रचना -

सृष्टि निर्माण की चिंता हुई जब इसको, 

ध्यानिष्ठ हो विस्फोट किया ब्रह्मांड को।।

सुना कर सबकी वाह वाही लूटी और सृष्टि के विषय में सबको अवगत कराया। तथा कार्यक्रम के अंत में संयोजक डॉक्टर हनुमान प्रसाद चौबे ने सभी  आगंतुकों के प्रति अपना आभार  व्यक्त किया एवं अपनी रचना के साथ अगली गोष्ठी तक के लिए इस गोष्ठी के समाप्ति की घोषणा की।

                   

1 Comments

  1. वाह वाह संवारा जी क्या खूब कहा।

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