*•गायत्री परिवार नवयुग के मत्स्यावतार की तरह निरंतर बढ़ता जा रहा है- शशिकांत सिंह।*

 

*•साक्षात अवतारी चेतना के रूप में धरती पर आए पूज्य गुरुदेव-टोली नायक।*

*•देव संस्कृति विश्वविद्यालय शांतिकुंज हरिद्वार के प्रति कुलपति डॉ० चिन्मय पंड्या सहित कई मंत्रीगण व प्रशासनिक अधिकारी दीप महायज्ञ में हुए शामिल।*

*•5100 दीपकों को जलाकर विशाल दीपयज्ञ आयोजित हुआ।*

*•रामराज्य की स्थापना के साथ ही सत्ययुग का आगमन दिखाई देने लगा।*

बाराबंकी। स्थानीय जेब्रा पार्क परिसर में अखिल विश्व गायत्री परिवार द्वारा चल रहे चार दिवसीय 251 कुंडीय गायत्री महायज्ञ एवं शक्ति संवर्धन कार्यक्रम के तीसरे दिन यज्ञशाला मंडप में अपने ओजस्वी उद्बोधन में उपस्थित याजको को संबोधित करते हुए टोली नायक शशिकांत सिंह ने कहा कि साक्षात अवतारी चेतना के रूप में पूज्य गुरुदेव वंदनीया माताजी धरती पर आए और युग निर्माण योजना चला कर पूरे विश्व में गायत्री और यज्ञ को जन-जन तक पहुंचाने का कार्य किया है। 18 करोड़ परिजन वाला गायत्री परिवार नवयुग के मत्स्यावतार की तरह दिनों दिन बढ़ता जा रहा है। 

प्रातः काल से ही यज्ञशाला में भारतीय वेशभूषा में हवन करने के लिए महिलाओं पुरुषों का जन सैलाब उमड़ पड़ा।कई पालियों में यज्ञ का क्रम चलता रहा।इस अवसर पर देव पूजन के पश्चात शांतिकुंज हरिद्वार से पधारी टोली के रमेश तिवारी (गायक), श्याम यादव, यशवंत उड़के, दिलधर जी के द्वारा प्रस्तुत मातृ वंदना "हमें शक्ति दो मां,हमें भक्ति दो मां, सतत साधना की किरण मांगते हैं,ज्ञान गंगा नहाले मन मेरे, धन्य जीवन बना ले मन मेरे, संस्कृति रही कराह न मेरा रूप बिगाड़ो रे,अगर मनुजता को संवारना,मुझे निखारो रे", बड़े ही श्रद्धापूर्वक संगीत मय लहरी में प्रस्तुत हुआ,जिसे सुनकर श्रोतागण झूम उठे। 

इस अवसर पर टोली नायक शशिकांत सिंह ने कहा कि कई जन्मों का पुण्य उदय होने पर सत्संग का लाभ मिलता है। गुरुदेव के चार सूत्र समझदारी, ईमानदारी, जिम्मेदारी, बहादुरी को धारण करके जीवन को सार्थक बना सकते हैं। पूज्य गुरुदेव ने कठोर तप करके 24 लाख के 24 महापुरश्चरण किया है। 3200 पुस्तकों को लिखा है, चारों वेद, 18 पुराण, 108 उपनिषद का भाष्य करके जनमानस के लिए प्रज्ञा पुराण सर्वसुलभ कर दिया है। दोपहर यज्ञशाला में दहेज रहित आदर्श विवाह भी संपन्न हुआ, साथ ही दीक्षा,यज्ञोपवीत, विद्या आरंभ, जन्मदिन, अन्नप्राशन, नामकरण, विवाह दिवस, पुन्सवन  संस्कार भी संपन्न कराए गए। कार्यक्रम स्थल पर पूज्य गुरुदेव वंदनीया माताजी के स्मारक प्रखर प्रज्ञा-सजल श्रद्धा के दर्शन व आओ नई संस्कारवान पीढ़ी प्रदर्शनी एवं यज्ञ मंडप की परिक्रमा हजारों लोगों ने किया। सायंकाल मुख्य पंडाल मंच पर 5100 दीपकों को जलाकर विशाल दीप महायज्ञ आयोजित हुआ। जिसमें बड़े श्रद्धा भाव से माताओं बहनों द्वारा जलाकर संपूर्ण यज्ञ परिसर के वातावरण को सुगंधित कर दिया गया।दीप प्रज्जवलन के बाद युगाधिपति महाकाल के जयघोष व संकीर्तन ने पंडाल में उमड़े जन सैलाब को थिरकने को मजबूर कर दिया। राम राज्य की स्थापना के साथ साक्षात सतयुग का आगमन परिलक्षित दिखाई देने लगा। 

उक्त विशाल दीप यज्ञ में देव संस्कृति विश्वविद्यालय शांतिकुंज हरिद्वार के प्रति कुलपति डॉक्टर चिन्मय पंड्या जी मुख्य मंच पर पधारे। इस अवसर पर प्रदेश सरकार के परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह, खाद एवं रसद मंत्री सतीश चंद्र शर्मा, उत्तर प्रदेश एससी एसटी आयोग के अध्यक्ष बैजनाथ रावत, जिलाधिकारी शशांक त्रिपाठी, पुलिस अधीक्षक अर्पित विजयवर्गीय,अपर जिला जज ज्ञान प्रकाश शुक्ला,एसडीएम आनंद तिवारी, अधिशासी अधिकारी नगर पालिका परिषद संजय कुमार शुक्ला,जिला पंचायत अध्यक्ष राजरानी रावत, एल. वेंकटेश्वर लू प्रमुख सचिव समाज कल्याण सहित लखनऊ के तमाम गायत्री परिवार कार्यकर्ता, उत्तर जोन प्रभारी परमानंद द्विवेदी,अयोध्या जोन प्रभारी देशबंधु तिवारी, गायत्री ज्ञान मंदिर के व्यवस्थापक उमानंद शर्मा समेत कई जन प्रतिनिधि व तमाम प्रशासनिक अधिकारीगण एवं गायत्री परिवार के हजारों नैष्ठिक समय दानी कार्यकर्ता,प्रज्ञा मंडल, महिला मंडल संचालक मौजूद रहे

*उमाकान्त बाजपेयी*

*मीडिया प्रभारी*

8896451674

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