*•भगवान केवल भाव के भूखे हैं - परमानंद द्विवेदी।*

 

*•यज्ञशाला में देव पूजन के पश्चात हज़ारों लोगों ने गायत्री महामंत्र से आहुतियाँ समर्पित की।*

*•कार्यक्रम स्थल पर उमड़ता जा रहा आस्था व श्रद्धा का जनसैलाब।*

*•पुस्तक मेला व प्रदर्शनी पर लगा रहा दिन भर तांता।*

*•28 नवम्बर को दीपयज्ञ में पधारेंगे डॉ चिन्मय पंड्या।*

                     कार्यक्रम की भव्य झलकियां

बाराबंकी। स्थानीय पल्हरी चौराहा स्थित जेब्रा पार्क में अंतर्राष्ट्रीय गायत्री परिवार द्वारा आयोजित 4 दिवसीय 251 कुंडीय गायत्री महायज्ञ एवं शक्ति संवर्धन कार्यक्रम के दूसरे दिन यज्ञशाला मंडप में देव पूजन के लिए हज़ारों जोड़ें (सपत्नीक) पीत वस्त्रों में उपस्थित हुए। यज्ञशाला मंच पर मौजूद शांतिकुंज से पधारी केंद्रीय टोली नायक परमानंद द्विवेदी, सहयोगी शशिकांत सिंह, रमेश तिवारी (गायक), श्याम यादव, यशवंत उड़के दिलधर जी के द्वारा विघ्न विनाशक गणेश, सरस्वती, लक्ष्मी, दुर्गा, काली, सप्तऋषियों में विश्वामित्र, वशिष्ठ, जमदग्नि, वाल्मीकि, कुलदेवता ब्रहस्पति, शुक्र, शनि, यम, नवगृह, महाकाल, माँ गौरी, माँ गायत्री, गुरु गंगा, कावेरी गोदावरी अग्नि, जल, वायु, सहित सर्वत्रोंभद्र का षोडसोपचार पूजन प्रत्येक कुंड में बैठे दम्पत्तियों से मंत्रोच्चारण पूर्वक कराया गया। 

संपूर्ण यज्ञशाला के वर्गों को ऋषियों के नाम से विनिर्मित किया गया है। देव पूजन के पश्चात कुंडों में यज्ञ का प्रज्जवलन हुआ। इस अवसर पर वैदिक मंत्र मध्यम स्वर बिलंबित गति से गायत्री महामंत्र की समवेत स्वरों में आहुतियाँ डाली गई। आहुतियों का सिलसिला कई पालियों में चला। हवन के बाद यज्ञशाला की परिक्रमा याजकों ने लगाकर पूज्य गुरुदेव वंदनीया माता जी के स्मारक प्रखर प्रज्ञा व सजल श्रद्धा पर दर्शन प्रणाम पुष्पांजलि का क्रम दिन भर चलता रहा। आयोजन स्थल पर युग ऋषि के जीवन दर्शन पर आधारित प्रदर्शनी को देखने के लिए श्रद्धालुओं की कतारें लगी रही। वहीं रायबरेली के निष्ठावान कार्यकर्ताओं द्वारा युग ऋषि द्वारा रचित पुस्तकों का साहित्य स्टाल पर भी श्रद्धालुओं का ताँता लगा रहा। 

अपरान्ह कार्यक्रम में आओ संस्कार वान पीढी विषय पर युवाओं व प्रबुद्ध जनों एवं महिलाओं के साथ कार्यकर्ताओं को शांतिकुंज टोली द्वारा मार्ग दर्शन प्रदान किया गया। 

सायंकाल मुख्य पांडाल मंच पर युग संगीत प्रवचन केंद्रीय टोली द्वारा प्रसारित किया गया जिसमें मानव जीवन की गरिमा, नशा रूपी राक्षस, दहेज रूपी दानव समाज में व्याप्त कुरीतियों, अंधविश्वास को मिटाने हेतु संकल्पित कराया गया। 

इस अवसर पर केंद्रीय टोली नायक परमानंद द्विवेदी ने कहा कि भगवान् केवल भाव के भूखे हैं। ईश्वर को केवल निर्मल मन का प्राणी पसंद है। उपासना, साधना, आराधना और पूज्य गुरुदेव, वंदनीया माता जी से जुड़कर मानव जीवन को धन्य बनाने की अपील की गयी। इस अवसर पे गायक रमेश तिवारी, श्याम यादव, यशवंत उड़के दिलधर जी द्वारा प्रस्तुत गुरु वंदना "स्वयं भगवान् हमारे गुण परम सौभाग्य  हमारा है"। कोठरी मन की सदा रख साफ बंदे,कौन जाने कब स्वयं प्रभु आन बैठे", को सुनकर श्रोतागण तालियां बजाते हुए झूम उठे। 

यज्ञशाला में सैकड़ों परिजनों ने गुरूदीक्षा लिया, वहीं तमाम संस्कार हुए जिसमें विद्यारंभ, नामकरण, जन्मदिन, विवाह दिवस शामिल हैं। 

28 नवम्बर को यज्ञशाला में यज्ञ आहुतियों के साथ-साथ यज्ञोपवीत संस्कार समेत कई संस्कार व गुरु दीक्षा संस्कार संपन्न होंगे। 

सायंकाल 28 नवम्बर को विशाल दीप महायज्ञ आयोजित होगा जिसमे देव संस्कृति विश्वविद्यालय शांतिकुंज हरिद्वार उत्तराखंड के प्रति कुलपति डॉ चिन्मय पांड्या जी प्रति भाग करेंगे। जिसकी तैयारियां जोर शोर से हो रही है। यज्ञ की आहुतियों के पश्चात भोजनालय में लंबी कतारें प्रसाद के लिए लगी रहीं। बड़े ही श्रद्धा भाव से सुदूर ग्रामीण अंचलों से आस्थावान लोगों का आगमन जारी रहा। संपूर्ण जेब्रा पार्क परिसर यज्ञ मय हो गया है। भक्तिमय माहौल में सराबोर दिखाई पड़ रहा है।

उमाकान्त बाजपेयी

मीडिया प्रभारी

8896451674

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