*•वयं राष्ट्रे जागृयाम पुरोहितः - प्रति कुलपति डॉ० चिन्मय पांड्या*

*•जिलाधिकारी बाराबंकी शशांक त्रिपाठी ने सपत्नीक डॉ० चिन्मय पंड्या को स्मृति चिन्ह भेंट किया।*

•चार दिनों से चल रहे जेब्रा पार्क में गायत्री महायज्ञ का देवशक्तियों की विदाई, महापूर्णाहुति, शंख ध्वनि , शांति पाठ , जयघोष के साथ समापन। 

*•उक्त ऐतिहासिक कार्यक्रम ने नगर समेत संपूर्ण जनपद मे एक अमिट छाप छोड़ दिया।*

*•25 हजार से अधिक परिजन हवन में हुए शामिल।* 

बाराबंकी। अखिल विश्व गायत्री परिवार के तत्वाधान में पल्हरी चौराहा स्थित जेब्रा पार्क में चल रहे चार दिवसीय 251 कुंडीय गायत्री महायज्ञ एवं शक्ति संवर्धन कार्यक्रम, देव शक्तियों की विदाई, महापूर्णाहुति ,शंखध्वनि, शांति पाठ ,जय घोष के साथ शानदार ढंग से संपन्न हो गया। कार्यक्रम ने पूरे शहर को गायत्रीमय बना दिया, एक अमिट छाप छोड़ दिया। यज्ञशाला मंडप के अंतिम दिन प्रातः काल से हवन व पूर्णाहुति करने के लिए सुदूर ग्रामीण अंचलों से हुजूम उमड़ पड़ा।कई पालियों में केंद्रीय टोली द्वारा हवन कराया गया। समापन की पूर्व संध्या पर मुख्य पंडाल मंच पर देव संस्कृति विश्वविद्यालय शांतिकुंज हरिद्वार के प्रति कुलपति डॉ० चिन्मय पंड्या ने उपस्थित होकर मौजूद जनसैलाब को संबोधित करते हुए कहा कि "वयम् राष्ट्रे जागृयाम पुरोहितः",हम पुरोहित राष्ट्र को जीवन्त और जागृत बनाए रखेंगे। हम सभी लोग मात्र दीपक को जलाने के लिए एकत्रित नहीं हुए हैं,बल्कि स्वयं दीपक बनकर समाज को समर्पित हो जाए। डॉ० चिन्मय पंड्या जी ने कहा कि पूरी दुनिया अपना परिवार है।गायत्री परिवार की यही परिकल्पना है। अपने कर्तव्य और व्यक्तित्व से राष्ट्र को प्रभावित करें।मन को टटोलें, अपने अंदर की ऊर्जा,संकल्प,ज्योति को जगावें। रामकृष्ण परमहंस और संत एकनाथ के कथानक का उदाहरण भी दिया। समापन की पूर्व संध्या पर कई जनप्रतिनिधि, प्रशासनिक अधिकारीगण शामिल रहे। 5100 दीपको की छटा ने आयोजन स्थल को रमणीय बना दिया। 

यज्ञशाला मंडप में देव शक्तियों की विदाई के समय बाराबंकी के सांसद तनुज पुनिया उपस्थित रहे। सांसद ने देव मंच पर पूजन अर्चन करके 33 कोटि देव शक्तियों की विदाई दिया। तत्पश्चात सांसद तनुज पुनिया को शांतिकुंज टोली नायक ने पूज्य गुरुदेव वंदनीया माताजी की ओर से गायत्री मंत्र गमछा भेंट कर तिलक लगाकर स्वागत किया। इस अवसर पर शांतिकुंज से पधारे केंद्रीय टोली के गायक रमेश तिवारी ,श्याम जी, यशवंत उड़के,दिलधर जी,भारद्वाज जी के द्वारा प्रस्तुत वंदना, "हे गुरुवर हे जगजननी मां, हमको यह वरदान दो, गुरु की छाया में शरण जो पा गया, उसके जीवन में सुमंगल आ गया, हमने आंगन नहीं बुहारा, कैसे आएंगे भगवान, जो नहीं दे सका कोई भी आज तक, पूज्य गुरुदेव वह दे दिया आपने बड़े ही भाव पूर्वक",गायन किया गया।जिसको सुनकर श्रोतागण भाव विभोर हो गए । आयोजन स्थल पर अंतिम दिन मेला लगा रहा। महापूर्णाहुति के बाद भोजन प्रसाद के लिए लंबी कतारे लगी रही। वहीं पूज्य गुरुदेव वंदनीया माताजी के स्मारक प्रखर प्रज्ञा-सजल श्रद्धा के दर्शन प्रणाम का क्रम चलता रहा। 

देव मंच पर पूजन  जिला पंचायत अध्यक्ष राजरानी रावत ने किया। आयोजकों के द्वारा पहली बार पादुका सेवा का काउंटर लगवाया गया,जिसमें आने वाले समस्त परिजनों की पादुका रखने की व्यवस्था में कार्यकर्ता चार दिनों तक अनवरत लगे रहे। देव संस्कृति के प्रति कुलपति डॉ० चिन्मय पंड्या जी लोधेश्वर महादेव जाकर भगवान शंकर का रुद्राभिषेक भी किया,जिससे गायत्री परिवार के परिजन काफी उत्साहित है ।

उक्त कार्यक्रम को सफल बनाने में रामनाथ मौर्य, रमेश चंद्र मौर्य, जिला समन्वयक ए पी शर्मा,सह समन्वयक सत्य प्रकाश श्रीवास्तव, रत्न ज्योति श्रीवास्तव, अखिलेश पांडेय, घनश्याम शुक्ला, सुरेश चंद्र वानप्रस्थी,अमर सिंह वर्मा, रविंद्र यादव, दिनेश दीक्षित, राम शंकर गुप्ता, लक्ष्मीकांत मिश्रा, आशीष शर्मा ,रज्जन लाल, रामनेवाज धनगर, संजय चतुर्वेदी ,विष्णु कुमार शर्मा,सतीश चंद्र अग्निहोत्री, आर बी सिंह,उमाकान्त बाजपेयी, संजय तिवारी, शांती दीक्षित, सावित्री सिंह, केश कुमारी सिंह ,धर्मवीर सिंह, राना साहब वर्मा, दिनेश शर्मा सहित समस्त विकासखंड के ब्लॉक संयोजक, प्रज्ञा मंडल ,महिला मंडल के संचालक अपनी पूरी टीम के साथ मुस्तैदी के साथ जुटे रहे।

*उमाकान्त बाजपेयी*

*मीडिया प्रभारी*

*8896451674*

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