पूजेंगे हम मानवता को , ऐसा मुझको एक शपथ दे दो।।

 

   मंच पर विराजमान साहित्यकार बंधु बीच में    सफेद कमीज में  श्री अरुण सदाबहार जी

भागीरथी सांस्कृतिक मंच,गोरखपुर की 774 वी काव्यगोष्ठी प्रबंधक के निवास स्थान पर संपन्न हुई।

गोष्ठी की अध्यक्षता वरिष्ठ कवि एवं भागीरथी के संस्थापक संस्था अध्यक्ष श्री अरुण सदाबहार ने की एवं संचालन संयुक्त सचिव युवा कवि कुन्दन वर्मा पूरब ने किया।

कार्यक्रम का विधिवत शुभारंभ वरिष्ठ कवि राम सुधार सिंह सैथवार जी द्वारा वाणी वंदना से हुई।

तत्पश्चात युवा शायर निरंकार शुक्ल 'साकार' ने तत्कालीन हालात पर यह गजल पढ़ी जिसके शेर यूं रहे-

आज चेहरा देखिए सरकार यूं लाचार है।

 जो गरजते थे सदा उनको भी शर्माना पड़ा।।

वरिष्ठ कवि अवधेश शर्मा 'नंद' ने यह सीख देने की कोशिश की कि हमें अपनी धरोहर को बचाकर रखना पड़ेगा तभी यह धरा सुरक्षित और संपन्न रहेगी देखिए -

धरोहर चांद,सूरज, आसमां, तारे खुदा के हैं।

दिखाना आज तुमको है धरा संजीदगी अपनी।।

युवा कवि कुन्दन वर्मा पूरब ने एक बानगी प्रस्तुत की -

खोजते रह जाओगे/ बच्चों में बचपन/ खेलों में लचकन/ जवानी में यौवन/ मर्यादा में पावन /शीशे में दर्पण /और प्रेम में अर्पण

अध्यक्षता कर रहे हो वरिष्ठ कवि अरुण सदाबहार में जाति धर्म से ऊपर उठकर के मानवता की बात इस प्रकार की -

मैं और तूं का भेद मिटा कर,जाति धर्म से ऊपर उठकर ।

पूजेंगे हम मानवता को , ऐसा मुझको एक शपथ दे दो।।

अन्य जिन कवियों ने काव्य पाठ किया उनके नाम है सर्वश्री अरविंद अकेला, राम सुथार सिंह सैथवार, डा .सत्यनारायण पथिक , राम समुझ सांवरा, नील कमल गुप्त विक्षिप्त आदि।

अंत में सभी के प्रति आभार व्यक्त किया प्रबंधक डा .सत्यनारायण 'पथिक'।

1 Comments

  1. साकार जी युआ कवि नहीं हैं भाई वरिष्ठ कवि है।

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